बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
अध्याय - 13
विकास प्रशासन
(Development Administration)
प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
विकास प्रशासन को परिभाषित करते हुए इसकी प्रकृति की विवेचना कीजिए।
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विकास प्रशासन किसे कहते हैं?
2. विकास प्रशासन को परिभाषित कीजिए।
3. विकास प्रशासन की दो परिभाषाएँ लिखिए।
4. विकास प्रशासन प्रकृति से परिवर्तोन्मुखी है, कैसे?
5. विकास प्रशासन में योजनाबद्धता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
विकास प्रशासन एक नवविकसित अवधारणा है। इसका विकास तृतीय विश्व कहे जाने वाले नव स्वतंत्र, विकासशील देशों के उदय के साथ-साथ हुआ। 20वीं सदी के 5वें दशक में विकास प्रशासन विकासशील देशों के लिए मुख्य विषय और प्रशासनिक अध्ययनकर्ताओं के आकर्षण का बिन्दु बन गया है। अतः विकास प्रशासन आज लोक प्रशासन के क्षेत्र में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है। लोक प्रशासन के अध्ययन के अंतर्गत विकास प्रशासन के विविध पक्षों जैसे- अर्थ, परिभाषाएँ, लक्षण इत्यादि को जानना आवश्यक प्रतीत होता है, जोकि अग्रलिखित शीर्षकों में वर्णित हैं -
विकास प्रशासन - अभिप्राय - विकास प्रशासन पूर्णतया नवीन धारणा है जिसका उदय 20वीं सदी में हुआ। 20वीं सदी में तेजी से विभिन्न देश उपनिवेशों से स्वतंत्र हुए। इन राष्ट्रों में प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विकास की थी। अतः विकासशील राष्ट्रों में विकास के लक्ष्यों के अनुरूप जो प्रशासन का प्रारूप अस्तित्व में आया वह 'विकास प्रशासन' कहलाया। जैसाकि 'मोंटगोमरी' लिखते हैं कि "विकास प्रशासन का कार्य मुख्यतया आर्थिक क्षेत्र में सुनियोजित विकास करना है और द्वितीयक रूप में राज्य की सामाजिक सेवाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि) को चलाना है। इसी प्रकार 'एडवर्ड वीनर विकास प्रशासन को क्रिया- उन्मुखी और उद्देश्य उन्मुखी प्रशासन के रूप में परिभाषित किया है और उसे विकास की एक ऐसी प्रक्रिया माना है जोकि संगठन को राष्ट्र निर्माण और सामाजिक-आर्थिक प्रगति की दिशा में ले जाती है।
विकास प्रशासन को विभिन्न विचारकों ने भिन्न-भिन्न दृष्टिकोणों से परिभाषित किया है। इनमें से कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं -
'मैरले फैनसोड' के अनुसार, “विकास प्रशासन नये मूल्यों की ओर ले जाने वाला वाहन है जिसमें आधुनिकीकरण और औद्योगीकरण के रास्ते पर बढ़ने के लिए विकासशील देशों द्वारा अपनाए जाने वाले विभिन्न कार्य आते हैं।"
'डोनेल्ड सी. स्टोन' के शब्दों में, "विकास प्रशासन का सम्बन्ध चार P's अर्थात् योजना (Plan), नीतियों (Policies), कार्यक्रमों (Programmes) एवं परियोजनाओं (Projects) को बनाने एवं उनके क्रियान्वयन से है।
'फ्रेड डब्ल्यू रिग्ज' के अनुसार, "प्रथमतया विकास प्रशासन विकास कार्यक्रम के प्रशासन से सम्बन्धित हैं वहीं दूसरी ओर यह प्रशासनिक क्षमताओं को सशक्त करने का भी एक प्रयास है।'
'पामर' के अनुसार, "विकास प्रशासन एक सम्पूर्ण प्रक्रिया है जिसके महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, मानवीय तथा आर्थिक आयाम हैं।
इस प्रकार उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर विकास प्रशासन को परिभाषित करते हुए यह कहा जा सकता है कि विकास प्रशासन, प्रशासन का वह रूप एवं धारणा है जोकि विकास के सन्दर्भ में सामाजिक व आर्थिक दोनों से ही सरोकार रखता है तथा अपने लक्ष्यों व कार्यों के प्रति प्रतिबद्ध दिखाई पड़ता है।
विकास प्रशासन की प्रकृति / लक्षण - विकास प्रशासन के अभिप्राय को अलग-अलग ढंग से स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। इस प्रयास में विकास शासन के निम्नलिखित प्रमुख दिखाई पड़ते हैं.
1. परिवर्तनोन्मुखी - विकासशील देशों की आवश्यकताओं व परिस्थितियों के अनुरूप नौकरशाही में विकासवादी दृष्टिकोण होना आवश्यक होता है। अतः यहाँ विकास प्रशासन के रूप में प्रशासन को अन्वेषक एवं समायोजक होना आवश्यक होता है। विकास प्रशासन नयी संस्थाओं, प्रक्रियाओं, नीतियों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अपनाने पर बल देता है, ताकि शीघ्रातिशीघ्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इस प्रकार विकास - प्रशासन स्पष्ट रूप से 'परिवर्तनोन्मुख' है।
2. उद्देश्य परिणाम उन्मुखी - सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रशासन परिवर्तन को शीघ्रातिशीघ्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि प्रशासन परिणाम-उन्मुखी हो। पाई पानन्दीकर और किशीरसागर के अनुसार परिणाम उन्मुखता का अभिप्राय है प्रशासनिक सेवक द्वारा अपने कार्य के "विशिष्ट कार्यात्मक परिणामों को प्राप्त करना। विकास के क्षेत्र में नागरिक सेवा की कार्यकुशलता का मापदण्ड परिणामों की वास्तविक उपलब्धि होती है। इस प्रकार विकास प्रशासन का यह भी एक अनिवार्य लक्षण होता है कि वह उद्देश्य एवं परिणामों की ओर उन्मुख हो।
3. जन सहभागिता की ओर प्रवृत्त - जन सहभागिता भी विकास प्रशासन की सफलता का मुख्य सूत्र है। बिना जनसहभागिता के विकास कार्यक्रम को सफलता प्राप्त करना कठिन है। दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि विकास प्रशासन उपभोक्तान्मुखी होता है। यह निश्चित व निर्धारित वर्गों की आवश्यकताओं को सम्पन्न करता है परन्तु जनता एक निष्क्रिय उपभोक्ता मात्र नहीं होती। अतः विकास प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि ऐसी परिस्थितियों का निर्माण करें ताकि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन क्रिया में और सार्वजनिक सेवाओं के सम्पादन में जनता की अधिकाधिक भागीदारी हो।
4. परिवेशीय प्रकृति - विकास प्रशासन परिवेशीय एवं संस्कृतिबद्ध होता है यह अपने पर्यावरण से जुड़ा होता है। पर्यावरण के अनुरूप प्रशासन के ढाँचे और प्रक्रिया को अपनाने पर ही प्रशासन की सफलता निर्भर करती है। विकास प्रशासन की सफलता इस तथ्य पर निर्भर करती है कि यह समाज में व्याप्त रूढ़िगत भ्रमों एवं मूल्यों का खण्डन करे और नये मूल्यों और विश्वासों का समाज में प्रसार करे जिससे परिवेशीय परिवर्तन भी सम्भव हो।
5. बहु-शास्त्रीय प्रकृति - क्रिया-उन्मुखी होने के कारण विकास प्रशासन ज्ञान की विभिन्न शाखाओं से भी घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है और उनके साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान करता है। विकास प्रशासन का सरोकार संगठन सिद्धान्त, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, प्रबन्ध विज्ञान इत्यादि विषयों से है। परिवर्तन लाने की आवश्यकता समस्त राष्ट्रीय परिस्थितियों के समष्टि ज्ञान पर बल देती है, जिससे समाज की आवश्यकताओं का सही परिप्रेक्ष्य में निर्धारण किया जा सके।
6. योजनाबद्धता - विकास प्रशासन हेतु योजनाबद्धता को भी आवश्यक माना जाता है। अतः योजनाबद्धता की विकास नियोजन को प्रमुखता से अपनाया जा रहा है। यह प्रशासन को सहभागी और प्रजातांत्रिक बनाता है। विकेन्द्रित योजना प्रत्येक ग्राम, खण्ड, जिला क्षेत्र, राज्य और राष्ट्रीय स्तर सम्पन्न होनी चाहिए। इस प्रकार योजनाबद्धता विकास प्रशासन का अनिवार्य लक्षण है।
निष्कर्ष - उपर्युक्त विवेचन के आधार पर अन्ततः यह कहा जा सकता है कि विकास प्रशासन विकासशील देशों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध व क्रियाशील प्रशासन का एक अति महत्वपूर्ण रूप है। विकास प्रशासन में जनसहभागिता, योजनाबद्धता इत्यादि लक्षण अनिवार्य रूप से पाये जाते हैं तथा यह इसकी प्रकृति को भी दर्शाते हैं।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।